पुरे दिन खामोशी का आगोश रहा जाने किस कैफ़ियत में दिल डूब रहा, दिल ने चाहा की बता दू ज़माने को तेरा नाम पर मेरे लफ्ज़ों को तेरी बंदिशों ने रोक रहा। तेरी बंदिशे.. पुरे दिन #खामोशी का #आगोश रहा जाने किस #कैफ़ियत में #दिल डूब रहा #दिल ने चाहा की बता दू #ज़माने को तेरा नाम पर मेरे #लफ्ज़ों को तेरी #बंदिशों ने रोक रहा #khnazim