रूठे को मनाना सादगी सा नमूना पेश करना उजालो से सिफारिश करना शब्द बुनेंगे नए ,कलम उठेगी और तुम्हारी सायरी बनेगी। भीड़ हमेशा साथ होती है पर किसी एक के न होने से इंसान अकेला महसूस करता है , ये कोई और नहीं ... हाँ ...मैं उसी कि बात कर रहा था जिसका ख़्याल आपको अभी आया ! और भी एक वादा करते हुए हम कहते है बस तुम्हारा साथ रहे , बांकी सब देख लेंगे ...!! ये वही भाव है जो आपको हिम्मत का बोध कराती है और अगर आपका अजीज़ वह शक़्स हि आपसे दूर हो जाये तब आपके एहसास कुछ इस तरह होंगे ....,, शब्द रूठे , कलम रूठी , रूठ गये एहसास ..., जो अपने थे सब रूठे अब क्या हमारे पास...,,