राही की मधुशाला दांव-पेंच में घिरा हुआ है, कलयुग में सच्चा प्याला। दांव-पेंच में घिरकर कैसे, झूमे कोई मतवाला। दांव-पेंच में लगे हुए हैं, कुछ सौदागर हाला के। दांव-पेंच में घिरी हुई है, नये दौर में मधुशाला। #NojotoQuote