उम्मीद birthday special for big brother Read full story in caption... तूफानों को समेटकर तीन-चार तह फिर मोड़कर निकलता अपने मकां से वो सीने में ठीक से सहेजकर।। मुस्कुराहट की चादर ओढ़कर उम्मीदों को जोड़-जोड़कर लड़खड़ाते पाँव संभालकर