जहा नही बोलना हो वहा ज्यादा बोल आती हु, जहा बोल देना हो वहा से चुप होके वापस आती हु | अच्छो संग बेर कर आती हु, तो बुरो संग अच्छा नाता जोड़ आती हु | आसमा मे वो तारे गिनने जाती हु, तो गिनती गलत होने पर सिर्फ चाँद एक है ऐसा बोल आती हु | इतनी सारी खुबिया लिए गुमती हु और, सब मेरी गलतिया खोजते फिरते है | अजीब सी ये दुनिया है ना, जहा लोग भी अजीब है और लोगो की सोच भी | जिसे मे खुबिया बता रही सायद सब की नज़रो मे वो गलतिया है.... अजीब सी दुनिया... 🙄😶