अबकी जो मिलने आना तो जरा फुरसत लेकर आना पास बैठना हमारे तुम्हें है दिल का हाल बताना जो नहीं थे तुम तो कैसा गुजरा ये जमाना अपना ही शहर लगता था बेगाना जो नहीं थे तुम तो दोस्त अक्सर कहते थे इतने बातूनी हो तुम अब चुप से क्यों रहते हो जो नहीं थे तुम तो उदासियां सिसकती थीं ये अखियां बस राह तुम्हारा तकती थीं तुमसे बेबसी का आलम है जताना अबकी जो मिलने आना तो जरा फुरसत लेकर आना ©Garima Srivastava #waiting#hindipoetry#shayari#insta#jazbaat_by_garima