राम-राम है ग़र मन में, राम-राम है ग़र कण-कण में, तो राम नाम जप-जप के, क्यों आग लगाना अपनें हीं आंगन में, क्यों लड़ना अपनों से, लड़ों गैरों से, लड़ो पाखंड से, लड़ो दुश्मन से, राम हैं आदर्श तो, भरो उसे तन-मन में, राम हैं आदर्श तो, बसाओ उसे जीवन में, राम-नाम है ग़र में मन में, राम-नाम है ग़र कण-कण में, तो राम नाम जप-जप के, क्यों आग लगाना अपनें हीं आंगन में #कविमनीष #NojotoQuote #कविमनीष