कैसी गहराई है तेरी चाहत में , और मेरी मोहब्बत में ? न डूबा हूँ अब तक और ना ही सतह की कोई उम्मीद नज़र आती है । ©vishal roy (vishu) #vishupoet कैसी गहराई है तेरी चाहत में , और मेरी मोहब्बत में ? न डूबा हूँ अब तक और न ही सतह की कोई उम्मीद नज़र आती है ।