मुसाफिर है ये बंजारा तृष्णाओं में गगन नज़र में आजादी लिए किसी उगते परिंदे का जीवन उदास मौसमों में जिंदगी तलाश करता है जमीं और आसमान के बीच की दो खूबसूरत दुनिया मानो परो को फैलाकर कह रही हो घोसलों में जन्मी इच्छाऐं इस तरह भी पूरी होती हैं #neelagagan #Chidiyan #ghosla