रातों में चहकती चमकती जुगनू जैसी वो लड़की तमस को जीती हुई नायाब तुलु जैसी वो लड़की या'नी उसके इक दीद पे हि निसार हो जाए कोई भी यानी कह रहा परिजाद में गुल रु जैसी वो लड़की उसके आते हर फ़िजा हर मंजर गुलजार में तब्दील महकी महकी गुलाब की ख़ुशबू जैसी वो लड़की पल में हँसती पल में रो देती जज्बातों से लबरेज़ थोड़ी अल्हड़ थोड़ी पागल मजनूँ जैसी वो लड़की पांँव में पायल माथे पे चाँद की बिंदियाँ आए - हाए छन छन करती बहिशत की घुँघरू जैसी वो लड़की जबसे उसको लिखना चाहा तब से हि मुकम्मल हुँ मैं गोया के हसीन मआनी में उर्दू उर्दू जैसी वो लड़की ©Author kunal #Love #poet #chand #bond #gajal #kunu #viral #kunal