शीर्षक: "राष्ट्र-गान" "अभी ध्वजारोहण शुरू हुआ ही था,राष्ट्र- गान की मधुर ध्वनि से देश भक्ति हवा में चारों दिशाओं में बिखरी थी... की अचानक मंच के पीछे से कुछ शोर सुनाई दिया... कुछ आयोजक जो सफ़ेद रंग के कुर्ते पर तिरंगे का छोटा सा चिन्ह अपने सीने पर शान से अंकित किये थे... मंच के पीछे भागे.... "चोरी करता है..? "नही साहब मैं चोर नही हूँ!" ... तो ये खाने का डिब्बा क्यो उठाया.?" "मेरे दोनों बच्चे कई दिन से भूखे है.... एक डिब्बा तो आप लोग अंत मे सभी को बांटने वाले थे.. एक डिब्बा चुपके से उठा रहा था ताकि दोनों को आजके दिन तो भरपेट खाना मिल सके... कहते हुए उसकी आँखे छलछला गई "तो डिब्बा उठा कर खड़े क्यो होगये थे..?