दोस्त चाँद सा है दोस्त मेरा नुर है उसकी हर बातों में| बिना कहे सब समझ जाता है हर दर्द हर खुसी मेरी चाँद सा है दोस्त मेरा नुर है उसकी हर बातों में| क्या हो तुम मेरे लिए|| ये अल्फाजो में बयाँ नहीं कर सकती सबसे नायाब तौफा हो मेरी जिंदगी में जो खुदा ने सिर्फ मुझे बक्छा है चाँद सा है दोस्त मेरा नुर है उसकी हर बातों में| अगर करूँ शुक्रियादा तुम्हारा|| जिंदगि कम पड जायेगी यूँही साथ बना रहे उम्र भर रब से यही दुआ करती हूँ|| चाँद सा है दोस्त मेरा नुर है उसकी हर बातों में| दोस्त