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किस्मत अपनी चालें चलती रही हाथ बांधे सब तमाशा देखत

किस्मत अपनी चालें चलती रही
हाथ बांधे सब तमाशा देखते हैं

अच्छा मेरा नसीब ना था क्या करते
यही बात दिल को समझाते रहते हैं

आसमान पर कितने छेद हो गये
लोग जमीं पर पैबंद लगाते रहते हैं

बरसता है बादल जमीं गीली होती है
फिर भी लोग जमीं को बंजर कहते हैं

किसी मुफ़लिस पर कभी भी ना हंसना
गरीब के दो आंसू कयामत ढाके रहते हैं !!

©Anjali Nigam
  #किस्मत की चालें
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Anjali Nigam

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#किस्मत की चालें

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