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Natural Morning वक्त बदलता है और किस्मत करवट लेती

Natural Morning वक्त बदलता है और किस्मत करवट लेती है 

एक न एक दिन  उजाले की विजय होती है 

अँधेरा कबतक छिपाए रखता है  किसी को 

सुर्योदय होता है और रोशनी बिखर जाती है 


बीतते रहे कितने ऐतवार 

आया सावन का सोमवार

नाग पंचमी का शुभ घड़ी 

अखंड भारत की नीव पड़ी 


देश को अमूल्य उपहार मिला 

देशभक्ति का उपकार मिला 

सोमवार लाया नया सबेरा 

हुआ उजाला मिटा अँधेरा 


आज सुरज का उदय हुआ

चारों तरफ जय जय हुआ 

 नफरत की धारा मिट गई 

तीन सौ सत्तर विलुप्त हुई 


जो दिले दूरियाँ बनाई थी 

वो राष्ट्र की गहरी खाई थी 

जहर नफरत की घोली थी 

जन जन में फूट कराई थी 


दहसत गर्द की कमर टूटी 

बूरी नजर की आँखे फूटी 

आतंकपरस्‍त की हुई पराजय 

अमन चैन की हुई जय जय 


अभूतपूर्व अद्वितीय पहल 

दृढ़ संकल्प का रहा फल 

अदम्य साहस औ तदवीर 

तब जाकर बदली तकदीर 

नक्से में बदल गई तस्वीर 

बना नूतन जम्मू कश्मीर 


अब माहौल बदल गया है 

अब भूगोल बदल गया है 

इतिहास पुनः दोहराएगा 

एक ही तिरंगा फहराएगा 


एक राष्ट्र एक गाण होगा 

हिंद का स्वाभिमान होगा 

देश में एक विधान होगा 

एक ही संविधान होगा 


फिर से वादियाँ हरी होंगी 

फिजा खुशियों से भरी होंगी 

फिर से चमन में फूल खिलेंगे 

बिछड़े दिल आ गले  मिलेंगे 


नदियाँ झरने गीत गाएँगे 

खेतों में फसल लहलहाएंगे 

पर्वत पहाड़ संगीत देगा 

देश भक्ति का धुन बजाएंगे 


जो बन गया था नर्क कभी 

फिर से स्वर्ग बन जाएगा 

इतिहास के पन्नों में फिर से 

स्वर्णअक्षरों में लिखा जाएगा  धारा 370 हटने पर कविता एक मुक्तक के साथ
Natural Morning वक्त बदलता है और किस्मत करवट लेती है 

एक न एक दिन  उजाले की विजय होती है 

अँधेरा कबतक छिपाए रखता है  किसी को 

सुर्योदय होता है और रोशनी बिखर जाती है 


बीतते रहे कितने ऐतवार 

आया सावन का सोमवार

नाग पंचमी का शुभ घड़ी 

अखंड भारत की नीव पड़ी 


देश को अमूल्य उपहार मिला 

देशभक्ति का उपकार मिला 

सोमवार लाया नया सबेरा 

हुआ उजाला मिटा अँधेरा 


आज सुरज का उदय हुआ

चारों तरफ जय जय हुआ 

 नफरत की धारा मिट गई 

तीन सौ सत्तर विलुप्त हुई 


जो दिले दूरियाँ बनाई थी 

वो राष्ट्र की गहरी खाई थी 

जहर नफरत की घोली थी 

जन जन में फूट कराई थी 


दहसत गर्द की कमर टूटी 

बूरी नजर की आँखे फूटी 

आतंकपरस्‍त की हुई पराजय 

अमन चैन की हुई जय जय 


अभूतपूर्व अद्वितीय पहल 

दृढ़ संकल्प का रहा फल 

अदम्य साहस औ तदवीर 

तब जाकर बदली तकदीर 

नक्से में बदल गई तस्वीर 

बना नूतन जम्मू कश्मीर 


अब माहौल बदल गया है 

अब भूगोल बदल गया है 

इतिहास पुनः दोहराएगा 

एक ही तिरंगा फहराएगा 


एक राष्ट्र एक गाण होगा 

हिंद का स्वाभिमान होगा 

देश में एक विधान होगा 

एक ही संविधान होगा 


फिर से वादियाँ हरी होंगी 

फिजा खुशियों से भरी होंगी 

फिर से चमन में फूल खिलेंगे 

बिछड़े दिल आ गले  मिलेंगे 


नदियाँ झरने गीत गाएँगे 

खेतों में फसल लहलहाएंगे 

पर्वत पहाड़ संगीत देगा 

देश भक्ति का धुन बजाएंगे 


जो बन गया था नर्क कभी 

फिर से स्वर्ग बन जाएगा 

इतिहास के पन्नों में फिर से 

स्वर्णअक्षरों में लिखा जाएगा  धारा 370 हटने पर कविता एक मुक्तक के साथ