तुम एक चोटी के सरदार सही पर्वत श्रृंखला पर एकछत्र राज हमारा है तुम्हारी चंद पहर की सुनहरी शाम सही लेकिन पूरा दशक हमारा है, पूरा दशक हमारा है तुम शीशे पर सुदंर लिखा नाम सही मैं चट्टानों पर लिखी लिखावट हूं तुम आकर्षण का केंद्र सही मैं स्वर्णकाल की अमूल्य विरासत हूँ -Manas Raj Singh (रुद्र) Day may be Yours but year will be mine😊