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इतनी अच्छी बात लिखी जाती है फिर भी लोग सुधरते क्य

इतनी अच्छी बात लिखी जाती है 
फिर भी लोग सुधरते क्यों नहीं हैं 
कोई न कोई तो बात ज़रूर होगी
सोचिए ये बात रंग भरते क्यों नहीं 
लेखनी के माध्यम से ये प्रश्न है मेरा
सतपथ की राह पकड़ते क्यों नहीं
लोगों को छोड़िए जो खुद लेखक हैं
वो आत्मिक शांति रखते क्यों नहीं
अनगिनत उदाहरण अपने इर्द गिर्द है
दिखावे से वो दूर हटते क्यों नहीं
सिर्फ़ बातों में दम चमत्कृत कलम
अपने कर्मो से चमकते क्यों नहीं
बड़ी दुर्भाग्य पूर्ण ये बात लगती है
जागाते हो "सूर्य" जगते क्यों नहीं

©R K Mishra " सूर्य "
  #अच्छी_बातें  Rama Goswami अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर Kanchan Pathak Aditya kumar prasad Puja Udeshi