दर्द तो हजारों दिए थे जसवीर तकदीर ने...! लेकिन हमने छोड़ी नहीं अदा मुस्कुराने की...! अपने दम पे जलते रहे हम चिरागों की तरह...! उन्होंने ने तो कोशिश की थी हवा की तरह बुझाने की...! रींग रहे हैं जमीन पर तो बुजदिल ना समझना...! एक दिन चूमेगी आसमां कोशिश ये पंख फड़फड़ाने की...! जेसीपी जसवीर 9872812115 #कोशिश_ये_फड़फड़ाने_की