ऑनलाइन जिंदगी ऑनलाइन जिंदगी,बड़े बवाल करती है। खुद ही दे जवाब खुद,ही सवाल करती है। ऑनलाइन....... किसी को देख नही,किसी को जाना नहीं फिरभी। कुछ को अपना बनाने का,बड़ा कमाल करती है। ऑनलाइन....... घर में कौन बीमार कौन उदास नही जानते। यहाँ हँसते हुए चेहरों का,भी ख्याल करती है। ऑनलाइन........ अजीब से हालात है, जागते हुए सोते है लोग। सुकून से लगी पल की झपकी पर मलाल करती है। ऑनलाइन....... भूल गए है अपने पराए की पहचान भी कुछ लोग। खुद को भी यहां भूलकर ,क्या धमाल करती है। ऑनलाइन..... रानी ऑनलाइन जिंदगी