कुछ कुछ बदल गई हूँ, थोड़ा सुधर, थोड़ा-सा बिगड़ गई हूँ, सपने सजाकर, इतरा गई हूँ, संग तेरे कई कदम चल, कुछ वादों से, मुकर गई हूँ, एक पहचान खुद की, है आज, अपनी परछाई से ज़रा, अलगा गई हूँ।। ♥️ Challenge-766 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।