चावल की कटोरी Read full story in caption Photo credit- Allaboutbirds.org #birds #sparrow #savebirds #humanbehaviour चावल की कटोरी सुबह-सुबह भोजन की तलाश में अपने घोंसले से निकल कर गौरेया अभी मोहन के बरामदे में पहुँची ही थी कि उत्तर के आसमान में काले बादलों का उमड़ना प्रारंभ हो गया। अभी मोहन की माँ ने चावल नहीं चुने थे। रोज सुबह-सुबह चावल फटकने के बाद वो चावलों की खुद्दी को एक कटोरी में रखकर उसे गौरेयों के आने की जगह पर रख देती थी। गौरेया की चहचहाट सुनते ही मोहन की माँ रसोई से निकली और चावल के एक मुट्ठी दाने कटोरी में डाल दिए। आज गौरेय