*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“11/3/2021”*🖋️ ✨ *“गुरुवार”*✨ क्या कभी आपने सोचा है कि “विषपान” करने के पश्चात भी “महादेव” “देवो के देव महादेव” कहलाए और “अमृतपान” करने के पश्चात भी “राहू” और “केतु” “असुर” ही कहलाए...क्यों ? इसका कारण है “भाव”...आपके “कर्मो” के पीछे जो “भाव” है वो “अत्यंत महत्वपूर्ण” है,यदि आपके “कर्मों” के पीछे आपका “भाव” उचित हो तो “श्राप” भी “वरदान” में परिवर्तित हो सकता है और यदि आपके “कर्म” के पीछे आपका “भाव” “अनुचित” हो तो “वरदान” को “श्राप” का रूप लेने में “अधिक समय” नहीं लगता,तो “शुद्ध मन” से “अच्छे कर्म” करे और “कर्मों” के पीछे “भाव” उचित रखें... ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“11/3/2021”*🖋️ 📘✨ *“गुरुवार”*✨📙 #“विषपान” #“देवो के देव महादेव”