-: सिद्धिविनायक:- यह कहानी तीन दोस्तों पर आधारित है जो कि छोटे गांव में रहते हैं। एक का नाम है सिद्धार्थ दूसरे का नाम है इथिक, और तीसरे का नाम है विनायक, इस समय गांव में गणेश उत्सव की तैयारीयां चल रही होती है ।गांव के युवाओं ने ग्राम विकास और समाज के आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य किए हैं गांव में इन उत्सव के आयोजन से युवाओं का एक संगठन विकसित हो गया है ।सिद्धार्थ और इथिक अपनी पढ़ाई के लिए बड़े शहरों में रह रहे हैं ।त्योहारों में वह गांव आए हुए हैं और वे तीनों एक बड़ी नहर के पुल के पास बैठे हुए हैं तीनों ने मिलकर इधर-उधर की बातें करते की और खूब हंसी के ठहाके लगाए। पेज-1 बातों ही बातों में सिद्धार्थ का ध्यान उस जर्जर हो चुके पुल पर गया । सिद्धार्थ ने विनायक से कहा:- हम पिछली बार मिले थे तब भी इस पुल की हालत ऐसी ही थी ।इसके पुनर्निर्माण पर कोई विशेष ध्यान नहीं दे रहा क्या? विनायक ने कहा :-प्रयास तो सभी कर रहे हैं कुछ समय में बन ही जाएगा । इथिक ने कहा :-पिछली बार भी यही बात बोला था भाई तूने देख पुल बन गया । और दोनों ने मिलकर विनायक की बात का मज़ाक बनाया। विनायक ने कहा:- प्रयास तो कर ही रहे हैं सब और इस बात से तुम भी अवगत हो ।और अब दोनों के लिए एक ताना जड़ दिया- स्वयं को गांव में रह नहीं रहे तुम्हें क्या पता गांव की समस्याओं का। और अब बहस का वातावरण गया । पेज -2 चूंकि इथिक शांत स्वभाव का लड़का है तो अब उसने दोनों की बहस को शांत करवाया। तीनों विनायक के घर पर ही ठहर गए। सिद्धार्थ एक नई सोच वाला लड़का है और वह समस्याओं पर नहीं समाधान पर बात करना पसंद करता है और पढ़ाई मैं भी बहुत अच्छा है ।अगले दिन सिद्धार्थ ने विनायक से गांव में एक सभा का आयोजन किए जाने की बात कही ।इस सभा में सभी ग्रामीण इकट्ठा हुए गांव के बड़ो ने पुल निर्माण पर अपने द्वारा किए गए प्रयासों और अनुभवों को सांझा किया और यहां पर एक नई योजना पर विचार किया गया। जिस पर कुछ लोगों ने सकारात्मक और कुछ लोगों ने नकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया ।युवाओं ने योजना के संचालन के लिए किसी एक बड़े को चुना। पेज-3 बड़ों ने युवाओं को भविष्य बताते हुए योजना की जिम्मेदारी पुनः युवाओं तक केंद्रित रखने की बात कही ।बड़ो ने युवाओं का उत्साह बढ़ाया और पूरी तरह मार्गदर्शन देने की बात कही युवाओं ने योजना पर कार्य किया और शासन प्रशासन की सहमति से सारी बाधाओं को पार कर आधुनिकता और प्रौद्योगिकी का उपयोग किया और एक उदाहरण प्रस्तुत किया ।इस कार्य से एक नई सोच का जन्म हुआ। विनायक ने कहा :-तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा,तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा। सिद्धार्थ ने विनायक से कहा:- भाई नींद में क्या बड़बड़ा रहा है विनायक ने कहा:- अरे यार सपना देख रहा था कि पुल बन गया है । पेज़ -4 अब तीनों दोस्त गांव में खेतों की ओर घूमने निकल गए। विनायक ने अपने रात में सोते समय देखे हुए सपने का जिक्र किया। पास ही सुन रहे एक चाचा जी बोल पड़े:- पहले कदम तुमने नहीं बढ़ा है तो कारवां कैसे जुड़ेगा मेरे यारा। _अंत अभी बाकी है दोस्तों_ ............._एस .सी.सर पेज़ - 5 ©Jatin सिद्धिविनायक एक कहानी #IFPWriting