सोचा था कि आयेंगे कभी आपके द्वार। आप बुलायेंगे प्यार से दिखायेंगे घर बार। चाय के लिए पूछेंगे एक दो बार। गिले सिक्वे आपस में होंगे दो चार। ना हो प्यार में कभी इंतजार। कभी आप भी आइए हमारे द्वार। ©Thakur Akanksha Singh #द्वार