मौत का खौफ नहीं था आंखों में , क्योंकि आजादी की भूख थी आखों में , अंग्रेजो के अत्याचारों के खिलाफ ज्वाला थी आखों में , मार मिटने का जज्बा था दिलों में , इस कदर आजादी की भूख थी आखों में , बसा लिया था आजादी हिंद दिलों में , उनका सपना दिख रहा था उनके बहते लहू में , उनका शौर्य दिख रहा था अंग्रेजो की डरी हुई आखों में , उनका शौर्य दिख रहा था अंग्रेजो की डरी हुई आखों में ।। ©ऋषभ वर्मा (R.V.) independence day #Independence