रस्मों की ज़ंजीर भी तोड़ी जा सकती है तेरी खातिर दुनिया छोड़ी जा सकती है तुझसे बिछड़ के मुझको ये मालूम हुआ आदत कैसी भी हो छोड़ी जा सकती है