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#DearZindagi #DearZindagi ना जाने कैसे - कैसे लोगो

#DearZindagi #DearZindagi ना जाने कैसे - कैसे लोगों से मिलवाती हो, 
वो कभी परेशानी से उबार कर, तो कभी ठग कर चले जाते हैं।

कहानी का शीर्षक - ठग्गु सन्त

यह कहानी सत्य घटना पर आधारित है, 
गोपनीयता बनाए रखने का बिल्कुल प्रयास नहीं किया गया है।
 
कृपया अनुशीर्षक में पूरी कहानी पढ़े 🙏 #DearZindagi #story 

शीर्षक  👉 "ठग्गू संत"

कमरू कमच्छर के आए हुए सन्त रूप में बाबाजी नोट-  उस समय हमारी उम्र लगभग पन्द्रह वर्ष की थी। मैं आठवे क्लास रामगंज मिडिल स्कूल में  पढ़ता था। पड़ोसी ग्राम के रामगंज रेलवे के पश्चिम स्टेशन के पास ही ग्राम के रामदेव यादव बाबा का कबीर आश्रम था हमारा उनसे बहुत प्रेम  सत्संग रहता था।उनके पास हमेशा आया करते थे।  एक दिन उस समय मै आश्रम पर गया और सन्त बाबा आये हुए थे, तो रामदेव बाबाजी ने मुझे बताया की ये सन्त कमरू कमच्छर से आए है। ये बहुत  भूत, वर्तमान और भविष्य  के जानकार  हैं। तो मै भी उनके पास गया और अपने घर की समस्या  बताई की बाबाजी हमारी माता जी कभी-कभी दौड़ा की बीमारी से बीमार हो जाती हैं, कुछ देर के बाद शान्ति मिलती है तो दिन भर उठना-बैठना कठिन रहता है, दूसरे दिन से आराम मिलता है। तो बाबाजी कहे - ये ग्रह की बीमारी है, इसको मै ठीक कर सकता हूँ तो मैने कहा - ठीक कर दीजिए। तो बाबा जी ने कहा - मैं आबादी में नहीं रहता, ग्राम से बाहर रहता हूँ। उनके आश्रम पर वो दो, तीन दिन रहे, उनका प्रचार बढ़ता गया। तो हमारे ग्राम के पंचम उपाध्याय मिले उन्होंने अपनी समस्या  बताई तो पंचम ने कहा - बाबाजी  हमारे पास ग्राम के बाहर पक्की बावली है, वहीं पर साधु सन्त के लिए रहने का आश्रम भी बनाया हूँ। वहीं पर चलो आपके लिए हर सुविधा कर दिया जाएगा। वहीं पर बाबाजी आए और उनका व्यवस्था किया गया। धीरे-धीरे ग्राम के अधिकांश लोग पहुँचने लगे और वो सबको ठगने लगे ।
एक दिन बाबाजी कहे आप लोगों का काम आधी रात के समय निर्वस्त्र होके जाप करना होगा , उसमें कुछ आप लोगों को सोना देना होगा तो जाप सिद्ध  होगा, तो सब लोग जिसके पास जो सोने का गहना था दिया। मै भी सोने की कील एक आने भर की दी। तो बाबा जी मुझसे कहा कि आप अपनी घड़ी दे दीजिए ताकि देखकर रात को जाप करूंगा तो मुझको कुछ मन में शंका हुई, तो मैं कहा - आपको आठ- नौ बजे रात के समय घड़ी दे जाऊंगा, लेकिन मैं घड़ी देने उनके पास नहीं गया और सुबह होने पर देखा गया तो साधु का अता-पता न चला, सब लोगों को बड़ी पश्चाताप हुई। 
♦♦♦
#tolcnrkeepsmile 😊
#DearZindagi #DearZindagi ना जाने कैसे - कैसे लोगों से मिलवाती हो, 
वो कभी परेशानी से उबार कर, तो कभी ठग कर चले जाते हैं।

कहानी का शीर्षक - ठग्गु सन्त

यह कहानी सत्य घटना पर आधारित है, 
गोपनीयता बनाए रखने का बिल्कुल प्रयास नहीं किया गया है।
 
कृपया अनुशीर्षक में पूरी कहानी पढ़े 🙏 #DearZindagi #story 

शीर्षक  👉 "ठग्गू संत"

कमरू कमच्छर के आए हुए सन्त रूप में बाबाजी नोट-  उस समय हमारी उम्र लगभग पन्द्रह वर्ष की थी। मैं आठवे क्लास रामगंज मिडिल स्कूल में  पढ़ता था। पड़ोसी ग्राम के रामगंज रेलवे के पश्चिम स्टेशन के पास ही ग्राम के रामदेव यादव बाबा का कबीर आश्रम था हमारा उनसे बहुत प्रेम  सत्संग रहता था।उनके पास हमेशा आया करते थे।  एक दिन उस समय मै आश्रम पर गया और सन्त बाबा आये हुए थे, तो रामदेव बाबाजी ने मुझे बताया की ये सन्त कमरू कमच्छर से आए है। ये बहुत  भूत, वर्तमान और भविष्य  के जानकार  हैं। तो मै भी उनके पास गया और अपने घर की समस्या  बताई की बाबाजी हमारी माता जी कभी-कभी दौड़ा की बीमारी से बीमार हो जाती हैं, कुछ देर के बाद शान्ति मिलती है तो दिन भर उठना-बैठना कठिन रहता है, दूसरे दिन से आराम मिलता है। तो बाबाजी कहे - ये ग्रह की बीमारी है, इसको मै ठीक कर सकता हूँ तो मैने कहा - ठीक कर दीजिए। तो बाबा जी ने कहा - मैं आबादी में नहीं रहता, ग्राम से बाहर रहता हूँ। उनके आश्रम पर वो दो, तीन दिन रहे, उनका प्रचार बढ़ता गया। तो हमारे ग्राम के पंचम उपाध्याय मिले उन्होंने अपनी समस्या  बताई तो पंचम ने कहा - बाबाजी  हमारे पास ग्राम के बाहर पक्की बावली है, वहीं पर साधु सन्त के लिए रहने का आश्रम भी बनाया हूँ। वहीं पर चलो आपके लिए हर सुविधा कर दिया जाएगा। वहीं पर बाबाजी आए और उनका व्यवस्था किया गया। धीरे-धीरे ग्राम के अधिकांश लोग पहुँचने लगे और वो सबको ठगने लगे ।
एक दिन बाबाजी कहे आप लोगों का काम आधी रात के समय निर्वस्त्र होके जाप करना होगा , उसमें कुछ आप लोगों को सोना देना होगा तो जाप सिद्ध  होगा, तो सब लोग जिसके पास जो सोने का गहना था दिया। मै भी सोने की कील एक आने भर की दी। तो बाबा जी मुझसे कहा कि आप अपनी घड़ी दे दीजिए ताकि देखकर रात को जाप करूंगा तो मुझको कुछ मन में शंका हुई, तो मैं कहा - आपको आठ- नौ बजे रात के समय घड़ी दे जाऊंगा, लेकिन मैं घड़ी देने उनके पास नहीं गया और सुबह होने पर देखा गया तो साधु का अता-पता न चला, सब लोगों को बड़ी पश्चाताप हुई। 
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#tolcnrkeepsmile 😊