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आज मेरी माहवारी का दिन हैं, 5 दिनों तक दर्द में रह

आज मेरी माहवारी का दिन हैं,
5 दिनों तक दर्द में रहने का दिन हैं,

उठ नहीं पाती हूँ मैं अपने बिस्तर से, 
पैरो से चलने की जो ताकत नहीं हैं,

पेट में अंतड़ियां कुछ इस तरह चीख रही हैं, 
दर्द के मारे दिन-रात मेरी चीख निकल रही हैं, 

घर का काम करने वाली जो मैं थी,
आज वही एक बिस्तर पर आराम कर रही हैं,

मैं Whisper एक काली थैली में घर लेके आती हूँ, 
तो सारे मोहल्ले वालो की गंदी नजरों में आ जाती हूँ, 

तुम्हारी इस गंदी सोच को मैं कैसे बताऊं,
मुझे समझ नहीं आता कि मैं इन सबको कैसे समझाऊ,

फक्र हैं मुझे सारी लड़कियां माहवारी में आती हैं, 
इसी की बदौलत लड़कियाँ तुम्हें इंसान बनाती हैं #periods
आज मेरी माहवारी का दिन हैं,
5 दिनों तक दर्द में रहने का दिन हैं,

उठ नहीं पाती हूँ मैं अपने बिस्तर से, 
पैरो से चलने की जो ताकत नहीं हैं,

पेट में अंतड़ियां कुछ इस तरह चीख रही हैं, 
दर्द के मारे दिन-रात मेरी चीख निकल रही हैं, 

घर का काम करने वाली जो मैं थी,
आज वही एक बिस्तर पर आराम कर रही हैं,

मैं Whisper एक काली थैली में घर लेके आती हूँ, 
तो सारे मोहल्ले वालो की गंदी नजरों में आ जाती हूँ, 

तुम्हारी इस गंदी सोच को मैं कैसे बताऊं,
मुझे समझ नहीं आता कि मैं इन सबको कैसे समझाऊ,

फक्र हैं मुझे सारी लड़कियां माहवारी में आती हैं, 
इसी की बदौलत लड़कियाँ तुम्हें इंसान बनाती हैं #periods