गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर अल्लामा इक़बाल ( पूरी ग़ज़ल अनुशीर्षक में पढ़ें ) #NojotoQuote Allama Iqbal Shayari Allama Iqbal Shayari In Hindi गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर होश ओ ख़िरद शिकार कर क़ल्ब ओ नज़र शिकार कर इश्क़ भी हो हिजाब में हुस्न भी हो हिजाब में या तो ख़ुद आश्कार हो या मुझे आश्कार कर