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कर के चला हूं कलम से, इतना तो नाम मैं, मरने के बाद

कर के चला हूं कलम से, इतना तो नाम मैं,
मरने के बाद मेरे, मेरा नाम जपेंगे,

लिखें है ऐसे खौलते, लावे से शब्द जो,
पढ़ लेने भर से ही, तब उनके सीने तपेंगे,

जो कर रहे हैं जुल्म, ये दौलत कमाने को,
खुद के बनाए फंदे में ये, खुद ही फंसेंगे,

गर है कोई गरीब, है मुश्किल से खा रहा, 
खाना निकाल थाली से कुत्ते को रखेंगे,

जिनपे तो हैं करोड़ों, वो करते हैं ये दुआ,
कैसे कहीं से उनके, दस रूपये भी बचेंगे,

कर के चला हूं कलम से, इतना तो नाम मैं,
मरने के बाद मेरे, मेरा नाम जपेंगे,

©Pankaj Pahwa
  #मेरा नाम
pankajpahwa9259

Pankaj Pahwa

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#मेरा नाम #Poetry

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