तुझे देर तक देखते रहें बन कर तेरा रौशनदान तेरी दीवारों पे टंगते रहें ..... सुबहों की पहली किरण तलाशते देर शाम तक चमकते रहें...... लाखों बहाने बना ज़माने के रातों का ख्वाब सींचते रहें..... हां, तुझे देर तक देखते रहें। बन चिराग घर तेरा रौशन किया सर्दियों की शाम तू मुझे सेकते रहे.... खुदाई नूर की बरसात तुझ पर कम न हो हुस्न को तेरी सारी उम्र सहेजते रहें.... मिल न सकूं ज़िन्दगी भर कोई गम नहीं पा न सकें बस तेरी ओर खींचते रहें.... कि, तुझे देर तक देखते रहें। #madhusudanmohit