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धूल-मिट्टी से कुछ एलर्जी थी उस शख़्सियत को, अफसोस

धूल-मिट्टी से कुछ एलर्जी थी उस शख़्सियत को,

अफसोस मिट्टी की देह थी, मिट्टी में ही चली गयी।
 अभी एक मीटिंग शुरू होने से पहले वेटिंग रूम में बैठी थी, न्यूज चैनल पर अभिनेत्री श्रीदेवी की अंतिम दर्शन से जुड़ी खबरें दिखाई जा रही थी। शरीर, शव अब यही नाम रह गया था, खूबसूरत चेहरा फूलकर पहचानने लायक नहीं रहा था। जिस देह को इतना संभालकर दुबई तक लेकर गया इंसान, आज अपने उसी शरीर से अनजान हो गया। क्यूं इतना परेशान हैं इस देह के पीछे, सजाने में संवारने में, छिपाने में जबकि आखिरी समय में जलाने से पहले कई हाथ आपके कपड़े बदलते हैं, आपको नग्न देखते हैं, आपकी हर कमी शरीर की सामने होती है और आप सिर्फ मांस का एक लोथड़ा मात्र! किस चीज की मोहमाया सब लपटों में जल गया, मिट्टी में जाकर मिल गया, पानी में बह गया.. मन व्यथित है कुछ सवालों से घिरा है..लिखना ज़रूरी था नहीं तो मन फटता सा लग रहा था।



#मृत्यु_संवाद #yqbaba #yqdidi #yqhindi #hindiquotes
धूल-मिट्टी से कुछ एलर्जी थी उस शख़्सियत को,

अफसोस मिट्टी की देह थी, मिट्टी में ही चली गयी।
 अभी एक मीटिंग शुरू होने से पहले वेटिंग रूम में बैठी थी, न्यूज चैनल पर अभिनेत्री श्रीदेवी की अंतिम दर्शन से जुड़ी खबरें दिखाई जा रही थी। शरीर, शव अब यही नाम रह गया था, खूबसूरत चेहरा फूलकर पहचानने लायक नहीं रहा था। जिस देह को इतना संभालकर दुबई तक लेकर गया इंसान, आज अपने उसी शरीर से अनजान हो गया। क्यूं इतना परेशान हैं इस देह के पीछे, सजाने में संवारने में, छिपाने में जबकि आखिरी समय में जलाने से पहले कई हाथ आपके कपड़े बदलते हैं, आपको नग्न देखते हैं, आपकी हर कमी शरीर की सामने होती है और आप सिर्फ मांस का एक लोथड़ा मात्र! किस चीज की मोहमाया सब लपटों में जल गया, मिट्टी में जाकर मिल गया, पानी में बह गया.. मन व्यथित है कुछ सवालों से घिरा है..लिखना ज़रूरी था नहीं तो मन फटता सा लग रहा था।



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