कभी हस्ती थी मेरी आंखे आजकल बात बात पर नम हो जाया करती है कभी खिलखिलाया करती थी कभी खिलखिलाया करती थी आज बिना बात की भी हो जाया करती है कभी हस्ती थी मेरी आंखे आजकल बात बात पर नम हो जाया करती है कभी तेरे सपने सजोया करती थी आज उन्हीं सपनों को लेकर अक्सर नम हो जाया करती है जीकर चिढ़ता है जब तेरा , तेरे जुबां से ज्यादा तेरे आंसू बया कर जाते है कभी हस्ती थी मेरी आंखे ______ तेरा मेरे साथ ना होने से जादा किसी और के पास होना, मुझे अक्सर सताया करता है और यह एहसास अक्सर मेरी आंखो को नम कर जाया करता है कभी हस्ती थी मेरी आंखे आजकल बात बात पर नम हो जाया करती है !! @Vishu✍️