कोइ गुलाब तुम्हे तो कोइ फलक का चांद बताएगा ! कोइ जिंदगी तुम्हे तो कोइ अपनी जान बताएगा ! जब तक जवा हो तुम तारीफे होंगी हुस्न की, जवानी ढलते ही तुम्हे हर कोइ अपनी ओकात बताएगा ! भले आज बुरी लगती है तुम्हे रुस्तम की बाते, देखना एक दिन तुम्हे ये पागल बहुत याद आएगा शायर Rmk मैरे नये अल्फाज़