अपनी इक जमीं बनाते हुए दिल संभल जाता है हंसी लाते हुए हो सकता गलती मेरी रही हो उम्मीद बना लेते हैं कदम बढ़ाते हुए मुहब्बत का तक़ाज़ा जो कहता है करते चले जाते हैं वो आते जाते हुए उस जीने का असर तो पड़ता है जो जीता हो अहम को मिटाते हुए भूल जाना माफ़ कर देना होता है हौसला बढ़ जाता है फ़ैसला सुनाते हुए पहला कदम.optimistic #friendship #behaviour #tolerance #initiative #shahbazwrites #passion4pearl #yqthoughts #yqbaba