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ऐ मातृभूमि तुम्हें स्वतंत्र देख‌ने को आंखे तरह रही

ऐ मातृभूमि तुम्हें स्वतंत्र देख‌ने को आंखे तरह रही‌ है,
जहां ‌सोच भी आजाद‌ हो,

ठुकरा दो,‌ऐसी‌ आजादी जहां, बंधुआ हमारी ‌सोच हो
अरे‌,स्वतंत्र‌ है भारत तो खुल के जीने दो ना,

महव-ए-दुआ में लीन‌ यही दुआ करते हैं,
मुझे ‌मेरी, वहीं,‌बेखौफ सी मातृभूमि‌ दे दो,
 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏

💫Collab with रचना का सार..📖

🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों  को  प्रतियोगिता:-90 में स्वागत करता है..🙏🙏

*आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।
ऐ मातृभूमि तुम्हें स्वतंत्र देख‌ने को आंखे तरह रही‌ है,
जहां ‌सोच भी आजाद‌ हो,

ठुकरा दो,‌ऐसी‌ आजादी जहां, बंधुआ हमारी ‌सोच हो
अरे‌,स्वतंत्र‌ है भारत तो खुल के जीने दो ना,

महव-ए-दुआ में लीन‌ यही दुआ करते हैं,
मुझे ‌मेरी, वहीं,‌बेखौफ सी मातृभूमि‌ दे दो,
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mrsrosysumbriade8729

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