चाँदनी रात और सूनी राहों के बीच तन्हा ये दिल बेजार है, चाँद की चांदनी से शब महकती होगी हमें तो गम हज़ार है, देख तेरे जलवे तेरे ख़्वाहिन्दो की भी यहाँ कोई कमी नही , हमने कब कहा कि हम ही है यहाँ हम तो ज़नाब बेकार है, सिर्फ़ आँखों से ही कत्ल ए आम औऱ घायल तुम करती हो, बचे हम तेरे तीखे नैनो के वार से क्योंकि हम तो ख़बरदार है, देख तेरे अक्स का आईना कइयों का दिन तो बन जाता होगा, हमें न पड़ता कोई फर्क तेरे होने से हम तो आज भी बीमार है, न सनम तुम वफ़ादार न हम वफादार यहाँ सब मतलबपरस्त है, अब प्यार मोहब्बत की बातें छोड़ो हमे न अब कोई प्यार है।।। 🌹नमस्ते लेखकों🙏🏼 🌺कोलैब करने से पहले 📌पिन पोस्ट अवश्य पढ़ लें। 🌺 आप सभी दिए गए विषय पर 8 - 10 पंक्तियों में अपनी रचना पूरी करें। 🌺पोस्ट को हाईलाइट करना ना भूलें।