वो शरारती बचपना,मिटटी के खिलौने बनाना वो रात मे माँ और दादी का कहानी सुनाना वो पाठशाला के मौज मस्ती बेफ़िक्री के दिन वो जवानी मे प्यार की गलियों से गुजरना किसी के खयालो मे खो जाना तो किसी के दिल मे बस जाना #याद आता है बीता हुआ कल ©Rajeev Kumar #bita huwa wqt Rajul RP kushwaha