खामोश हूं मजबुर नहीं स्याही उठाया हूं की स्याही उठाया हूं कमजोर नहीं लिखूंगा हर चरित्र ,हर सत्य की लिखूंगा हर चरित्र ,हर सत्य किसी का डर नहीं सजदा करूंगा अल्फ़ाज़ का की सजदा करूंगा अल्फ़ाज़ का क्योंकि इसके अलावा मेरा कोई नहीं हां अकेला हूं की मैं अकेला हूं पर ये भी तो सत्य है हर अकेले राहगीर के पीछे एक दिन पूरा काफिला होता है #मेरे_जज्बात008 #मेरीक़लमसे #खामोश #अल्फ़ाज़_ए_बयां #मेरीभावनाएँ #yqdidi #kunu