कुछ मुलाक़ातो की फरमाइश हो तुझसे गुफ्तगू यही दिल की आरजू बस तेरी है जुस्तजू बयां कैसे मैं करूँ। सुप्रभात। जैसे इस धरती को आकाश का जल चाहिए वैसे ही हमारे हृदय को करुणा और संवेदना का जल चाहिए। दुआ वो स्रोत है जिससे हृदय में प्रेम का समुद्र लहराने लगता है। #दुआओंकीबारिश #yqdidi #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi