मुझे अब कोई दिलासा नहीं चाहिए, देना है तो मेरा साथ दो, और फ़िर ताउम्र साथ दो, मुझे अब कोई दिलासा नहीं चाहिए, दो दिन में ना बदल जाना, यकीन है तो फिर हाथ दो, अब मुझे झूठी दिलासा नहीं चाहिए, आगे हाथ बढ़ाकर पीछे किया, मुझे ऊपर उठाकर नीचे किया, मुझे अब कोई दिलासा नहीं चाहिए, मुझे अब कोई दिलासा नहीं चाहिए, ©sheel shahab #dilasa