जब उम्र बिताई गई हो किसी हसरत में जागकर असामयिक मौत होगी उसके टूटने की कगार पर सौ मात खाकर जिन्दगी में आदमी मरता है नहीं आदमी मरता है बस एक इश्क में ही हार कर ©Brijendra Dubey 'Bawra, #bawraspoetry #NojotoHindi #Hindi_Poetry #thelunarcycle