सुनी है गाथा लोगों की,इंसानो की ,बलवानों की, वो पूर्वज रण में थे भारी, घर मे मिट्टी की पटवारी। खाट-बाट सब एक हुए, वो बातें समयातीत गए।। गुड़-पानी की खुशबू पाकर , पगड़ी सर पे बांधकर, पसीने की बूंद से सींचते , अपनी मिट्टी को साजकर! वो बातें,वो यादें,अब सपने से भी परे हैं, काफी कुछ बदलाव हुए,काफी सर-खड़े हैं बातों के पक्के कंकाल हुए, भारत की धरती पे,ऐसे शूरवीर इंसान हुए!! #NojotoQuote indian ancestors🙏🙏