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"माफ किजिएगा" "माफ किजिएगा" कहानी के सारे पात्र व

"माफ किजिएगा" "माफ किजिएगा"

कहानी के सारे पात्र वास्तविक है,बस नाम काल्पनिक है ।। 

उसूलों के बिना जीवन जिना मेरे लिए मौत के समान है,एक छोटा सा और बडा आम उसूल मेरा यह है कि मै किसी भी वाहन को चलाते वक्त  कभी दूरभाषी यंत्र का इस्तमाल नहीं करता । यह जीवन का वो उसूल है जो जीवन की मात्रा बडाने मे सहायक रहता है । लेकिन यह मेरे जीवन के उसूल है जिसे मै दुसरो पे थोप नहीं सकता क्योंकि हर कोई उन उसुलों की अहमियत नहीं समझ पाएगा । 

एसे ही एक दिन मेरे इस महत्वपूर्ण उसूल की धज्जियाँ बाइक की पहली सीट पर 65km/hr की स्पीड से उडती हुई जा रही थी । एक तंग शहर मे बेढंग होकर बाइक चलाने मे वैसे भी जवान खून की मर्दानगी चरम सीमा मे पहुंच जाती है,फिर मै पिछली सीट पर बैठा अपने परम मित्र की खोखली मर्दानगी को कैसे समझा सकता था ? यह नहीं था कि मेरी तरफ से प्रयास नहीं किया गया,मै पिछे से यही समझा रहा था की बाइक धीरे चलाए और रोक कर फोन पर बात कर ले । लेकिन जब प्रेमिका फोन पर होती है तो आशिक यमराज को भी यह बोल देता है "जस्ट वेट ड्यूड, आई एम लिल बिट बिज़ी"। मै तो ठहरा फिर एक परम मित्र,मेरी हर अपील को उसने बडी शान से ठुकरा दिया । सच कहूं शुद्ध हिंदी मे,तो मेरी फटी पडी थी । लेकिन उम्रभर फट्टू ना कहलाने के भय से,मै अपने कुल्हों को भीच कर,पिछली सीट पर सटा रहा । जहाँ तीखा मोड आता स्वाभाविक तौर पर मेरे कुल्हों को भीचने की "इन्टैन्सिटी" भी बड जाती ।
"माफ किजिएगा" "माफ किजिएगा"

कहानी के सारे पात्र वास्तविक है,बस नाम काल्पनिक है ।। 

उसूलों के बिना जीवन जिना मेरे लिए मौत के समान है,एक छोटा सा और बडा आम उसूल मेरा यह है कि मै किसी भी वाहन को चलाते वक्त  कभी दूरभाषी यंत्र का इस्तमाल नहीं करता । यह जीवन का वो उसूल है जो जीवन की मात्रा बडाने मे सहायक रहता है । लेकिन यह मेरे जीवन के उसूल है जिसे मै दुसरो पे थोप नहीं सकता क्योंकि हर कोई उन उसुलों की अहमियत नहीं समझ पाएगा । 

एसे ही एक दिन मेरे इस महत्वपूर्ण उसूल की धज्जियाँ बाइक की पहली सीट पर 65km/hr की स्पीड से उडती हुई जा रही थी । एक तंग शहर मे बेढंग होकर बाइक चलाने मे वैसे भी जवान खून की मर्दानगी चरम सीमा मे पहुंच जाती है,फिर मै पिछली सीट पर बैठा अपने परम मित्र की खोखली मर्दानगी को कैसे समझा सकता था ? यह नहीं था कि मेरी तरफ से प्रयास नहीं किया गया,मै पिछे से यही समझा रहा था की बाइक धीरे चलाए और रोक कर फोन पर बात कर ले । लेकिन जब प्रेमिका फोन पर होती है तो आशिक यमराज को भी यह बोल देता है "जस्ट वेट ड्यूड, आई एम लिल बिट बिज़ी"। मै तो ठहरा फिर एक परम मित्र,मेरी हर अपील को उसने बडी शान से ठुकरा दिया । सच कहूं शुद्ध हिंदी मे,तो मेरी फटी पडी थी । लेकिन उम्रभर फट्टू ना कहलाने के भय से,मै अपने कुल्हों को भीच कर,पिछली सीट पर सटा रहा । जहाँ तीखा मोड आता स्वाभाविक तौर पर मेरे कुल्हों को भीचने की "इन्टैन्सिटी" भी बड जाती ।
namitraturi9359

Namit Raturi

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