सैंटा जैसा दिल मेरा सैंटा मेरा अब्बा थे जो मांगते थे जरूर लाते थे खिलौने मेले के गोलगपपे ठेले के खुद के लिए कुछ नहीं पर हमारे लिए सब लाते थे वो नहीं हैं तो अब कुछ कहा बाकी हैं आंगन घर का बड़ा है भरा हैं फ़िर भी क्या कहूं उसकी कमी अब कहा कहा बाकी हैं जो सैंटा जैसा दिल रखता था उनसे हम हर खुआईश जरूर पाते थे मेरा सैंटा मेरा अब्बा थे जो मांगते थे जरूर लाते थे मेरे अब्बू मेरे सैंटा