हम तुम में तुम हम में! खो जाएँ अग़र!! तो खिल जायेंगे दिलों के! मुरझाये कमल!! हो जाएंगे सच देखे जो ख़्वाब! कब क्यों कैसे हमको पता नहीं!! मग़र हो जाएगी उथल पुथल सी! यह जिंदगी मुक़म्मल!! ©Deepak Bisht #रुख़सार-ए-जिंदगी