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मेरी घड़ी है अर्से पुरानी, जब जरूरत होती है तब चालू

मेरी घड़ी है अर्से पुरानी, जब जरूरत होती है तब चालू करता हूँ, उसकी सारी रंगत चली गयी है, चैन पर एक जंग की परत भी जम गई है, उसे परीक्षा के मौके पर 10 रुपये में बनवाकर अपने हाँथ पर सज़ा लेता हूँ और लास्ट पेपर के बाद उसे फ़िर अलमारी में लुढ़कने के लिए डाल देता हूँ.....
मैंने अपने दोस्तों की तरह किसी ब्रांड की घड़ी न ख़रीदी, 
मग़र एक रोज मुझे एक घड़ी अच्छी लगी और मैंने उसे उनके लिए ख़रीद लिया, बहुत ख़ुश था, कि मैंने आज उनके लिए कुछ अच्छा सा गिफ़्ट खरीदा है,
सरप्राइज देना चाहता था, मग़र अपनी आदत से मजबूर मैं सरप्राइज़ किसी को दे नही पता था,
मैने एक तसवीर खींच कर उन्हें भेज दी, सोचा कि वो आज बहुत ख़ुश होगी, मग़र...
पता न वो "सस्ता" सा जेब खर्च से बचाकर खरीदा गया उपहार उन्हें पसंद न आया या वो मुझसे कुछ गिफ़्ट लेना ही नही चाहते थे, या वो डरते थे कि घर पर सवाल होंगे..
यह कहकर उन्होंने मना कर दिया, "कि जब तुम अपने पैरों पर खड़े हो जाओगे, उस दिन मैं आपसे ये गिफ़्ट मांग लूंगी"
कुछ ये कहकर  उसने मना कर दिया, और मैंने उसे अपनी अलमारी में सबसे ऊपर सजा दिया है, 
हर रोज देखता हूँ उस घड़ी को, कि कब मेरा वक़्त आएगा.....
आज हम उस दौर में जी रहे हैं, कि वे हमसे बात भी नही करते, पता नही, क्या ख़ता हुई मुझसे, कि वे अब हमसे दूरियां बनाना चाहते हैं,
ख़ैर.....
हम अपना वक़्त जल्दी लाना चाहते हैं,
और उन्हें अपना बनाना चाहते हैं
और चाहते हैं कि वो घड़ी हमसे जल्द ही मांगे.... 😐 
#कहानी
मेरी घड़ी है अर्से पुरानी, जब जरूरत होती है तब चालू करता हूँ, उसकी सारी रंगत चली गयी है, चैन पर एक जंग की परत भी जम गई है, उसे परीक्षा के मौके पर 10 रुपये में बनवाकर अपने हाँथ पर सज़ा लेता हूँ और लास्ट पेपर के बाद उसे फ़िर अलमारी में लुढ़कने के लिए डाल देता हूँ.....
मैंने अपने दोस्तों की तरह किसी ब्रांड की घड़ी न ख़रीदी, 
मग़र एक रोज मुझे एक घड़ी अच्छी लगी और मैंने उसे उनके लिए ख़रीद लिया, बहुत ख़ुश था, कि मैंने आज उनके लिए कुछ अच्छा सा गिफ़्ट खरीदा है,
सरप्राइज देना चाहता था, मग़र अपनी आदत से मजबूर मैं सरप्राइज़ किसी को दे नही पता था,
मैने एक तसवीर खींच कर उन्हें भेज दी, सोचा कि वो आज बहुत ख़ुश होगी, मग़र...
पता न वो "सस्ता" सा जेब खर्च से बचाकर खरीदा गया उपहार उन्हें पसंद न आया या वो मुझसे कुछ गिफ़्ट लेना ही नही चाहते थे, या वो डरते थे कि घर पर सवाल होंगे..
यह कहकर उन्होंने मना कर दिया, "कि जब तुम अपने पैरों पर खड़े हो जाओगे, उस दिन मैं आपसे ये गिफ़्ट मांग लूंगी"
कुछ ये कहकर  उसने मना कर दिया, और मैंने उसे अपनी अलमारी में सबसे ऊपर सजा दिया है, 
हर रोज देखता हूँ उस घड़ी को, कि कब मेरा वक़्त आएगा.....
आज हम उस दौर में जी रहे हैं, कि वे हमसे बात भी नही करते, पता नही, क्या ख़ता हुई मुझसे, कि वे अब हमसे दूरियां बनाना चाहते हैं,
ख़ैर.....
हम अपना वक़्त जल्दी लाना चाहते हैं,
और उन्हें अपना बनाना चाहते हैं
और चाहते हैं कि वो घड़ी हमसे जल्द ही मांगे.... 😐 
#कहानी
abhay3461144956317

✍️Abhay

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