#OpenPoetry सुनो चलो एक बार उलझते है फिर से, कुछ तुम कहना कुछ हम कहेंगे ꫰ यूँ मायूस ना बैठो वहा पे तुम गुस्सा करते अच्छे लगते हो, आपने लगते हो ꫰ तुम पतंग, मैं उसमे उलझा मंझा ꫰ सुलाझते है ना इसको, देखो उड़ना है मुझे तुम्हरे साथ चलो एक बार उलझते है फिर से ꫰ एक बार फिर❤ #patang #पतंग #love #मंझा #uljhna