कसूर किसका है --ए जिंदगी ना तेरा है ना मेरा है जरा थोड़ा धीमें चल अभी इम्तहान बहुत हैं बाकी मंजिल दूर है रास्ता कठिन बहुत ठोकरें खानी है बाकी चलने दे जब तक थके ना पावं अभी तो दुनिया को झुकाना है बाकी। #ए_जिंदगी#इम्तिहान#मंजिल #nojotoapp#