देकर अपने लहू की आहुति उसने अपने वतन को बचाया है तुम्हारे पिता को सलामत रख जीते जी अपने बच्चो को अनाथ बनाया है जब वो निकले राह से तो कर लेना इज्ज़त उनकी उसे सलामी देकर,जिसने तुम्हारी हिफाज़त में बदन पे कफ़न अपने चढ़ाया है