मन की लौ को कभी बुझने नहीं दिया निरन्तर जल रही है यह विचलित रहती थी अब शांत, गंभीर हो गई है यह संयम और धैर्य के पथ पर अग्रसर है कितनी परिपक्व हो गई है यह #MannKiLau #TheLightWithin